सत्तारूढ़ भाजपा विधायक संतोष खटुआ द्वारा बृहस्पतिवार को बीजद की महिला नेता पर विवादित बयान देने से विवाद खड़ा हो गया है। विधायक द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। विपक्ष ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी तथा भगवा पार्टी से माफी मांगने की मांग की।
बीजद की वरिष्ठ महासचिव और प्रवक्ता लेखाश्री सामंतसिंहर ने एक्स पर पोस्ट में एक पत्र टैग करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने लिखा, ‘प्रिय मोदी जी, कृपया ओडिशा के अपने विधायक को महिला राजनेताओं के बारे में बात करते हुए सुनें। अगर भाजपा के असली नेता ऐसे हैं तो ‘नारी सम्मान’ जैसे शब्दों का कोई मतलब नहीं रह जाता। अगर आप वाकई महिलाओं का सम्मान करते हैं तो ऐसे नेताओं पर कार्रवाई करें।’
कार्रवाई नहीं कि तो महिलाओं के लिए आपका वादा खोखला साबित होगा
सामंतसिंहर ने आगे कहा कि मुझे पता है कि पीएमओ और पार्टी में आपके पास बहुत ही सक्षम और बुद्धिमान ओडिया अधिकारी हैं। कृपया उनसे आपके लिए अनुवाद करने के लिए कहें। इसे सुनने के बाद, हम देखेंगे कि क्या आपके पास अभी भी ‘नारी का सम्मान’ या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में बात करने की प्रेरणा है। उन्होंने कहा, ‘यदि आप ऐसे स्त्री-द्वेषी निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहते हैं, तो महिलाओं के लिए आपका वादा खोखला साबित होगा।’
इस बीच, बृहस्पतिवार शाम को नीलगिरि पुलिस स्टेशन में अलग-अलग व्यक्तियों- जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं, के द्वारा कम से कम तीन प्राथमिकी दर्ज कराई गईं। इनमें विधायक खटुआ पर महिला के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया।
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बुधवार को सामंतरसिंहर की प्रेस कॉन्फ्रेंस से शुरू हुआ विवाद
विवाद बुधवार को सामंतसिंहर द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने विधायक खटुआ पर 15 जून को बालासोर के नीलगिरी इलाके में एक हाथी की हत्या और उसके दांत चोरी करने में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा विधायक को ‘चोर’ और ‘डकैत’ भी कहा।
विधायक ने सामंतरसिंहर के चरित्र पर उठाए सवाल
बालासोर जिले के नीलगिरि विधानसभा क्षेत्र से विधायक खटुआ ने कुछ टेलीविजन चैनलों को दिए जवाबी बयान में, कथित तौर पर सामंतरसिंहर के चरित्र पर टिप्पणी की, जिसकी व्यापक रूप से निंदा की गई। नीलगिरी विधायक से संपर्क करने के प्रयास विफल रहे क्योंकि साक्षात्कार के बाद उनका फोन बंद रहा। खटुआ की टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद विधायक द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया। हालांकि, वायरल वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकी।
प्रमिला मलिक ने कहा- खटुआ ने बेहद घटिया भाषा का किया इस्तेमाल
ओडिशा विधानसभा में विपक्ष की मुख्य सचेतक और बीजद की वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रमिला मलिक ने बृहस्पतिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने विधायक खटुआ की टिप्पणियों की निंदा की और भाजपा पर महिलाओं की राजनीति में भागीदारी में बाधा डालने का आरोप लगाया। मलिक ने कहा, ‘भाजपा विधायक खटुआ ने डॉ. लेखाश्री सामंतसिंहर के प्रति बेहद घृणित, बदसूरत, अपमानजनक और घटिया भाषा का इस्तेमाल किया है। अगर किसी महिला के खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह सभ्य समाज में कभी भी स्वीकार्य नहीं है।’
मलिक ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की
मलिक ने पूछा कि भाजपा में महिला नेता और निर्वाचित महिला प्रतिनिधि भी हैं। क्या भाजपा, जो खुद को अलग पार्टी होने का दावा करती है, ने अपने विधायकों को महिलाओं के बारे में इस तरह बोलने के लिए प्रशिक्षित किया है? उन्होंने आगे कहा कि यह टिप्पणी न केवल व्यक्तिगत थी, बल्कि सभी महिलाओं का अपमान है और उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी की मांग की। मलिक ने आगे कहा कि विधायक खटुआ की टिप्पणी सिर्फ एक महिला के लिए नहीं है, यह पूरी महिला बिरादरी का अपमान है। इसलिए, सीएम मोहन चरण माझी और भाजपा को ओडिशा की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।
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भाजपा प्रवक्ता ने खटुआ का किया बचाव
भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने खटुआ का बचाव करते हुए दावा किया कि उन्हें हाथी शिकार मामले में झूठा फंसाया जा रहा है। बिस्वाल ने कहा, ‘नीलगिरी विधायक को हाथी हत्या मामले में गलत तरीके से घसीटा जा रहा है। बीजद ने झूठे आरोप लगाने में पीएचडी की है।’
भाजपा विधायकों की छवि खराब करने की साजिश
भाजपा प्रवक्ता बिस्वाल ने कहा कि कुलडीहा अभयारण्य में हाथियों की मौत के सिलसिले में चार लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और पकड़े गए लोग आदतन अपराधी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजद के कार्यकाल में भी हाथियों की हत्या की गई थी। यह भाजपा विधायकों की छवि खराब करने की साजिश के अलावा और कुछ नहीं है।
