कर्नाटक लोकायुक्त ने एक जबरन वसूली रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी श्रीनाथ महादेव जोशी और एक अन्य व्यक्ति शामिल थे। इस रैकेट में सरकारी अफसरों को डरा-धमकाकर उनसे पैसे ऐंठे जाते थे, और फिर वह पैसा क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया जाता था।
लोकायुक्त ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, एक व्यक्ति निंगप्पा सावंत को गिरफ्तार किया गया है। वह आबकारी विभाग और बृहत बंगलूरू महानगर पालिका (BBMP) के अधिकारियों को व्हाट्सएप कॉल कर धमकाता था और उन्हें ब्लैकमेल करता था। जांच में पता चला कि वह कोडवर्ड ‘केजी’ का इस्तेमाल करके पैसे उगाहता था। उसके पास 24 क्रिप्टो वॉलेट थे और उनमें से 13 वॉलेट में 4.92 करोड़ रुपये का निवेश था।
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निंगप्पा के संपर्क में थे आईपीएस अधिकारी जोशी
लोकायुक्त ने अपने बयान में कहा कि इसके अलावा, जांच में पाया गया कि आईपीएस अधिकारी श्रीनाथ महादेव जोशी उपरोक्त मामले में आरोपी निंगप्पा के संपर्क में थे। इसी आधार पर 15 जून 2025 को कर्नाटक हाईकोर्ट से उनके घर की तलाशी लेने की अनुमति ली गई थी। उसी दिन उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया भी गया और नोटिस दिया गया। बयान में कहा गया है कि फिलहाल कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच पर अस्थायी रोक लगा दी है। निंगप्पा को भी जांच से कुछ समय के लिए राहत मिल गई है।
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लोकायुक्त ने मुख्य सचिव को जोशी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए
लोकायुक्त ने बयान में कहा कि शुरुआती जांच में यह पाया गया है कि बंगलूरू सिटी पुलिस डिवीजन के पूर्व पुलिस अधीक्षक श्रीनाथ महादेव जोशी लगातार आरोपियों के संपर्क में थे और अवैध रूप से धन एकत्र कर रहे थे। भ्रष्टाचार विरोधी निकाय ने कहा कि चूंकि यह पाया गया है कि जोशी ने अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों का उल्लंघन किया है, इसलिए लोकायुक्त ने कर्नाटक के मुख्य सचिव से कहा है कि वे श्रीनाथ जोशी के खिलाफ नियमों के तहत उचित कार्रवाई करें और उस पर क्या कदम उठाए गए, इसकी जानकारी लोकायुक्त को दें।
